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Contributor(s): Russell, Public domain, via Wikimedia Commons
इस अधिनियम का उद्देश्य 20 अगस्त, 1917 को ब्रिटिश सरकार द्वारा घोषित उत्तरदायी सरकार की क्रमिक शुरूआत करना था।
केंद्रीय और प्रांतीय विधायिकाओं के अधिकारों में वृद्धि की गई।
देश में पहली बार द्विसदनीय व्यवस्था और प्रत्यक्ष चुनाव की शुरुआत की गई। प्रांतों में दोहरी शासन व्यवस्था लागू की गई। इस अधिनियम में सिविल सेवकों की भर्ती के लिए लोक सेवा आयोग गठित करने का प्रावधान भी किया गया। पृथक निर्वाचन क्षेत्र की अवधारणा का विस्तार किया गया।