क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण

  1. सभी स्तरों पर अनिवार्य प्रवेशन प्रशिक्षण और पदोन्नति से पहले अनिवार्य प्रशिक्षण
  2. राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति 1996 के कार्यान्निवित के लिए निगरानी तंत्र
  3. मध्य कैरियर में सीखने के अवसर उपलब्ध कराना और उच्च शैक्षणिक योग्यताओं और प्रकाशनों को प्रोत्साहित करना
  4. संघ और राज्य स्तर पर प्रशिक्षण संस्थानों का एक मजबूत नेटवर्क
  5. सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान करने, दस्तावेजीकरण करने और उनका प्रसार करने और प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के लिए सुशासन का एक राष्ट्रीय संस्थान

उपलब्धियों

  • राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति 1996 की समीक्षा और व्यापक बदलावों के साथ एनटीपी 2012 का निर्माण
  • रणनीतिक मानव संसाधन प्रबंधन और प्रशिक्षण के लिए योग्यता-आधारित दृष्टिकोण की शुरुवात
  • सिविल सेवा में व्यक्तिगत योग्यता-आधारित मानव संसाधन प्रबंधन को कैबिनेट सचिवालय द्वारा संचालित निष्पादन निगरानी और मूल्यांकन प्रणाली (आरएफडी) से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
  • डीएआर एंड पीजी निम्न उद्देश्य से यूएनडीपी के सहयोग से समावेशी भारतीय प्रशासन के लिए मार्ग (आईआईपीए) परियोजना को कार्यान्वित कर रहा है।
  • राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति के कार्यान्निवित का समर्थन करें
  • योग्यता और व्यक्तित्व/निष्पादन मूल्यांकन तंत्र को मजबूत करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना।
  • सिविल सेवा नेतृत्व नीति और कार्य योजना का समर्थन करें
  • चुनिंदा मंत्रालयों/विभागों और एजेंसियों में सिविल सेवकों के लिए क्षमता और नेतृत्व विकास गतिविधियाँ शुरूकरना ।
  • एलबीएसएनएए में संस्थागत सुदृढ़ीकरण और ज्ञान प्रबंधन

भर्ती

  1. वरिष्ठ प्रबंधन पद के लिए लेटरल एंट्री
  2. नई सोच को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञता वाले समूह बी पदों के लिए कुछ प्रतिशत रिक्तियों के लिए सीधी भर्ती
  3. ग्रुप बी और सी में सभी पदों के लिए जिसमें स्नातक डिग्री की आवश्यकता हो के लिए 20-25 वर्ष की आयु सीमा

उपलब्धियों

  • प्रबंधन और नेतृत्व क्षमता वाले अधिकारियों की भर्ती के लिए वरिष्ठ प्रबंधन में चुनिंदा पदों के लिए लेटरल एंट्री के साथ प्रयोगों के प्रारंभिक चरण - सिविल सेवा के कैरियर-आधारित और पद-आधारित प्रबंधन का मिश्रण। उदाहरण के लिए:निष्पादन प्रबंधन प्रभाग का सचिव सरकार के बाहर का एक विशेषज्ञ है
  • निचले स्तरों पर अनुबंध के प्रयोगों के माध्यम से सिविल सेवाओं को उचित आकार देने का प्रयास

निष्पादन का मूल्यांकन:

  1. मूल्यांकन को अधिक पारदर्शी और परामर्शात्मक बनाना
  2. निष्पादन मूल्यांकन प्रारूप को कार्य विशिष्ट बनाया जाएगा
  3. निष्पादन मूल्यांकन साल भर होना चाहिए।
  4. संख्यात्मक रेटिंग निर्दिष्ट करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की आवश्यकता है।
  5. सरकार को कर्मचारियों की वर्तमान निष्पादन मूल्यांकन प्रणाली के दायरे को एक व्यापकनिष्पादन प्रबंधन प्रणाली तक विस्तारित करना चाहिए' (कार्यान्निवित)
  6. पीएमएस को विशेष मंत्रालय/विभाग/संगठन के लिए उपयुक्त समग्र रणनीतिक ढांचे के भीतर डिजाइन किया जाना चाहिए
  7. विभागीय मंत्री और मंत्रालय के सचिव/विभागाध्यक्षों के बीच वार्षिकनिष्पादन समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाने चाहिए। एक वित्तीय वर्ष के दौरान किए गए कार्यों का भौतिक और सत्यापन योग्य विवरण प्रदान करना (कार्यान्निवित)

क्षमता

  • निष्पादन प्रबंधन प्रणाली का निर्माण

उपलब्धियों

परिणाम फ्रेमवर्क दस्तावेज़ (आरएफडी) पहल के माध्यम से सरकार में परिणाम आधारित दृष्टिकोण की शुरूआत

  • मंत्रियों और विभागों के सचिवों के बीच निष्पादन समझौते
  • उनके अधीन विभागों और एजेंसियों के लिए वार्षिक निष्पादन लक्ष्य निर्धारित करना
  • एक वर्ष में तीन नियमित अंतराल पर तदर्थ कार्यबल और उच्च अधिकार प्राप्त समिति द्वारा समीक्षा
  • निष्पादन के आधार पर मंत्रियों/विभागों की स्कोरिंग और रैंकिंग

जवाबदेही

1. दो प्रोत्साहन समीक्षाओं की प्रणाली:

  • 14 वर्षों की सेवा के बाद: शक्तियों और कमजोरियों की पहचान 20 साल की सेवा के बाद: अधिकारी की निरंतरता के लिए उपयुक्तता का पता लगाना

2. पद पर बने रहने के लिए अयोग्य पाए गए अधिकारियों की सेवा समाप्ति।

3. भर्तियों के लिए, रोजगार 20 वर्ष का होगा। आगे की निरंतरता गहन निष्पादन समीक्षाओं के परिणाम के अधीन होगी।

2005

  1. वरिष्ठ प्रबंधन पद के लिए लेटरल एंट्री
  2. नई सोच को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञता वाले समूह बी पदों के लिए कुछ प्रतिशत रिक्तियों के लिए सीधी भर्ती
  3. समूह बी और सी में सभी पदों के लिए स्नातक डिग्री की आवश्यकता हो के लिए 20-25 वर्ष की आयु सीमा
  4. सभी स्तरों पर अनिवार्य प्रवेशन प्रशिक्षण और पदोन्नति से पहले अनिवार्य प्रशिक्षण
  5. राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति 1996 के कार्यान्निवित के लिए निगरानी तंत्र
  6. मध्य कैरियर में सीखने के अवसर उपलब्ध कराना और उच्च शैक्षणिक योग्यताओं और प्रकाशनों को प्रोत्साहित करना
  7. संघ और राज्य स्तर पर प्रशिक्षण संस्थानों का मजबूत नेटवर्क
  8. सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान, दस्तावेजीकरण और प्रसार करने और प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के लिए सुशासन का एक राष्ट्रीय संस्थान
  9. मूल्यांकन को अधिक पारदर्शी और परामर्शात्मक बनाना
  10. निष्पादन मूल्यांकन प्रारूप को कार्य विशिष्ट बनाया जाएगा
  11. निष्पादन मूल्यांकन वर्षभर होना चाहिए
  12. संख्यात्मक रेटिंग निर्दिष्ट करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की आवश्यकता है
  13. सरकार को कर्मचारियों की वर्तमाननिष्पादन मूल्यांकन प्रणाली के दायरे को एक व्यापक निष्पादन प्रबंधन प्रणाली तक विस्तारित करना चाहिए' (कार्यान्निवित)
  14. पीएमएस को विशेष मंत्रालय/विभाग/संगठन के लिए उपयुक्त समग्र रणनीतिक ढांचे के भीतर डिजाइन किया जाना चाहिए
  15. विभागीय मंत्री एवं मंत्रालय के सचिव/विभागाध्यक्षों के मध्य वार्षिक निष्पादन अनुबंध पर हस्ताक्षर किये जायें। एक वित्तीय वर्ष के दौरान किए गए कार्यों का भौतिक और सत्यापन योग्य विवरण प्रदान करना (कार्यान्निवित)
  16. निष्पादन प्रबंधन प्रणाली का निर्माण
  17. दो प्रोत्साहन समीक्षा की प्रणाली:
    • 14 वर्षों की सेवा के बाद: ताकत और कमजोरी का पता लगाना
    • 20 साल की सेवा के बाद: अधिकारी की निरंतरता के लिए उपयुक्तता का पता लगाना
  18. पद पर बने रहने के लिए अयोग्य पाए गए अधिकारियों की सेवा समाप्ति
  19. नई भर्ती के लिए रोजगार 20 वर्ष का होगा। आगे की निरंतरता गहन निष्पादन समीक्षाओं के परिणाम के अधीन होगी
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