2005

[दूसरा एआरसी] चौथी रिपोर्ट - शासन में नैतिकता

इस आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, सिविल सेवकों को नैतिकता यानी सत्यनिष्ठा, सदाचार और ईमानदारी के रास्ते पर चलने की सलाह दी जाती है। चूँकि अब सिविल सेवकों के पाठ्यक्रम में नैतिकता को जोड़ दिया गया है, इसका एक मुख्य कारण यह है कि सिविल सेवक अपने प्राथमिक कर्तव्यों को करने में सक्षम हों और अपने काम के प्रति ईमानदार हों।

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